स्मॉल मिडकैप शेयरों का खराब प्रदर्शन

निफ्टी सेंसेक्स शेयर बाजार में उतार चढ़ाव जारी है ।डियर बाजार में स्मॉल मिडकैप शेयरों की पिटाई का सिलसिला जारी है। हैंडसम शेयर बाजार में स्मॉल मिडकैप शेयरों का 15 माह का सबसे खराब प्रदर्शन शेयर बाजार के एक्सपर्ट को भी हैरान कर रहा है। वही दूसरी तरफ पूंजी बाजार नियामक सेबी  की तरफ से स्मॉल और मिडकैप शेयरों के बाबत अपनी चिंता जाहिर करने से वर्तमान कारोबारी सप्ताह में इन दोनों इंडेक्स में निवेशकों के लगभग 5. 8 लाख करोड रुपए डूब गए।

सेबी ने म्यूचुअल फंडस को स्मॉल मिडकैप शेयरों बाबत सलाह दी 

वही सेबी ने म्युचुअल फंडस को एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया है कि उन्हें वर्तमान समय में स्मॉल कैप और मिडकैप शेयरों में अपने निवेश को सीमित करना चाहिए। सेबी की चेयर पर्सन माधवी पुरी बुच के दिए गए इस बयान से शेयर बाजार में जबरदस्त बिकवाली देखी गई तथा वर्तमान कारोबारी सप्ताह स्मॉल कैप के शेयरों के लिए 15 हफ्ते में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला सप्ताह रहा। निफ़्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में पिछले  करीब 1 वर्ष में शानदार बढ़ोतरी दर्ज करवाई है तथा 1 वर्ष में small cap index लगभग दोगुना हो गया है। वही मिडकैप इंडेक्स भी लगभग 60% की तेजी के साथ अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया है।


चुनावी उठा पटक के बीच स्टॉक मार्केट में कुछ करैक्शन देखा जा सकता है

भारत में लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। चुनाव आयोग द्वारा आचार संहिता लागू कर दी गई है। आगामी 2 महीने हमें भारत में चुनावी गतिविधियां अपने शीर्ष पर दिखाई देगी। आचार संहिता लगी होने के कारण वर्तमान मोदी सरकार अब कोई भी नीतिगत नहीं ले सकती। चुनावी माहौल के बीच विदेशी संस्थागत निवेशको द्वारा भी अपनी कुछ पूंजी भारतीय शेयर बाजारों से निकालने की भी आशंका है तथा वह विदेशी सस्थागत निवेशक मुनाफा वसूली कर सकते हैं। जिसके कारण हमें भारतीय शेयर बाजार में कुछ गिरावट देखने को मिल सकती है। कल शुक्रवार को कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली देखी गई। कारोबारी सत्ता के आखिरी दिन सेंसेक्स एक बार फिर से 73 000 अंकों के नीचे बंद हुआ कल सेंसेक्स में लगभग 453.85 अंकों की गिरावट दर्ज की गई, वही निफ्टी भी 123.30 अंक गिरकर 22023.35 अंको पर बंद हुआ।


भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी जारी

भारत के यशस्वी और सर्वाधिक लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा उठाए जा रहे क्रांतिकारी कदमों की बदौलत भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की सबसे तीव्र गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी हुई है। 8 मार्च को समाप्त हए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 10.47 अरब डॉलर की जबरदस्त बढ़ोतरी के साथ 636.1 अरब डॉलर पर पहुंच गया। भारत का विदेशी मुद्रा भडार 2 वर्ष के उच्चस्तर पर पहुंच गया है।

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