बैंकिंग स्टॉक्स ने अपने निवेशकों का दिल गार्डन गार्डन कर दिया।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की विभिन्न आर्थिक सुधारो और उनके बेहतर क्रियान्वयन की बदौलत भारत में बैंकिंग सेक्टर में कायाकल्प हो गया है। सरकार द्वारा बैंकों को अपने डूबे हुए कर्ज की वसूली के लिए फ्री हैंड देने से इसके शानदार रिजल्ट सामने आए हैं। एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2014 से वर्ष 2023 के बीच बैंकों द्वारा 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक अपने डूबे हुए कर्ज की वसूली की गई है।




किसी भी उद्योगपति का ऋण माफ नहीं, जारी है ऋण की वसूली वितमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण 

भारत के वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा सोशल मीडिया में डाली अपनी पोस्ट मे लिखा है कि, मोदी सरकार द्वारा किसी भी उद्योग पति का ऋण माफ नहीं किया गया है। बैंकों के डूबे हुए कर्ज की वसूली के लिए सरकार द्वारा एक मुहिम चलाई जा रही है और इसके सकारात्मक रिजल्ट भी सामने आए हैं। उन्होंने बताया की ई डी ने करीब 1105 बैंक धोखाधड़ी संबंधित मामलों की जांच की है और लगभग 64,920 करोड रुपए की अपराध आय जप्त की गई है, जिसमें से 15,123 करोड रुपए की संपत्ति दिसंबर 2023 तक सरकारी बैंकों को वापस कर दी गई है।


सरकारी बैंकों द्वारा बंपर मुनाफा कमाया गया

वित्त वर्ष 2023 24 में सरकारी क्षेत्र के बैंकों द्वारा जबरदस्त प्रदर्शन किया गया और उनके एनपीए में भी भारी कमी देखी गई। बैंकों को मुनाफा कई गुना तक बढ़ गया। भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा,इंडियन ओवरसीज बैंक, IDBI Bank , Punjab and Sind Bank आदि के मुनाफे में शानदार बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिस वजह से sensex share market में इन बैंकों के शेयर के भाव में भी जबरदस्ती तेजी दिखाई दी, जिस वजह से इन बैंकों के शेयर होल्डर की भी हो गई बल्ले बल्ले।


ब्रिटेन से अपना 100 टन सोना वापस लाया रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया 



एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्रिटेन में जमा भारत के सोने में से 100 टन सोने को भारत वापस लाया गया है। ब्रिटेन में जमा भारत के बाकी सोने को भी जल्द ही भारत लाये जाने की सम्भावना है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार मार्च के अंत तक उसके पास 822.1 टन सोना था, इस सोने में से 413.8 टन सोना उसके द्वारा विदेश में रखा हुआ था। उल्लेखनीय तथा यह है की इंग्लैंड के पास भारत का कुछ सोना आजादी से पहले का जमा है। भारत ने पिछले कुछ सालों में सोने की लगातार खरीददारी की है। भारत द्वारा 15 वर्ष पहले भी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 200 टन सोना खरीदा गया था।

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